इस संसार रूपी सिनेमा के पर्दे पर हमारी भूमिका क्या रहेगी इसकी पूरी कहानी और पटकथा विधाता ने हमारी हथेली पर लिख कर हमें अपना पात्र निभाने के लिए धरती पर भेज दिया है। हथेली पर रेखाओं के साथ कुछ विशेष चिन्ह भी होते है जो काफी कुछ हमारे जीवन के विषय में बयान करते हैं। ये चिन्ह किसी रेखा पर हो सकता है तो किसी पर्वत पर स्थान के अनुसार इनका प्रभाव शुभ या अशुभ होता है। इस भाग में हम सबसे पहले जिस चिन्ह की बात करने जा रहे हैं वह है:
धब्बा (Spot):
हस्त रेखीय ज्योतिष में धब्बे के निशान को शुभ नहीं माना जाता है। यह निशान रोग और बीमारी को दर्शाता है। अलग अलग व्यक्ति के हाथों में यह निशान अलग अलग रंग के होते हैं। धब्बो के निशान और इनका रंग दोनों ही सामुद्रिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण माने जाते हैं। ज्योतिष की इस विधा में बताया गया है कि लाल रंग का यह निशान मस्तिष्क रेखा पर मौजूद हो तो यह इस बात का संकेत है कि आपको चोट लग सकती है अथवा शरीर का कोई अंग गिरने या आघात लगने के कारण क्षतिग्रस्त हो सकता है। यह निशान स्वास्थ्य रेखा पर होना यह बताता है कि आप बुखार एवं कुछ शारीरिक रोग से पीड़ित होंगे। नीला और काला धब्बा हथेली पर होना इस बात का सूचक है कि आप तंत्रिक तंत्र (Nervous System) में परेशानी महसूस करेंगे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जीवन रेखा पर जहां जहां यह धब्बा होता है उस उम्र में आप रोगग्रस्त रहते हैं।
त्रिशूल (Trident ):
त्रिशूल का चिन्ह हथेली में होना बहुत ही शुभ होता है। यइ निशान जिस रेखा के शुरू में होता है उस रेखा की गुणवत्ता एवं प्रभाव में वृद्धि होती है और आपको इसका शुभ फल प्राप्त होता है। यह जिस रेखा पर होता है उस रेखा का प्रभाव तो बढ़ता ही साथ ही जिस रेखा की ओर इसका सिरा होता होता है वह भी शक्तिशाली एवं प्रभावशाली हो जाता है। त्रिशूल का निशान सामुद्रिक ज्योतिष में अति उत्तम कहा गया है यह जिस पर्वत पर होता है वह पर्वत काफी फलदायी होता है साथ ही उसके समीप के पर्वत भी उत्तमता प्रदान करने वाले हो जाते हैं। यह निशान मंगल पर्वत पर होने से शिवयोग बनता है जो आपको परोपकारी , धनवान, गुणवान एवं प्रतिष्ठा प्रदान करता है।
छतरी (Tent):
कुछ लोगों के हाथों की उंगली में छतरीनुमा निशान बना होता है। जिनकी उंगली में ऐसे निशान पाए जाते हैं वे व्यक्ति दयालु होते हैं, लोगों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। इनकी उदारता व परोपकार की भावना का लोग अनुचित फायदा भी उठाते हैं। ये अपनी कला से जीवन में कामयाब होते हैं परंतु इनका पारिवारिक जीवन कठिनाईयों एवं मुश्किलों का घर रहता है।
लटकन ( Tassel):
यह आम तौर पर जीवन रेखा के अंतिम सिरे पर होता है जो बताता है कि वृद्धावस्था में होने वाले कष्ट और मृत्यु के विषय में बताता है। यह निशान अगर जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा के साथ लगकर बना हुआ है तो बुढ़ापे में आपकी याददाश्त कमज़ोर होगी। अगर यह निशान हृदय रेखा पर दिखाई दे रहा है तो यह इस बात का सूचक है कि दिल की हालत अच्छी नहीं रहेगी। हृदय पर लगने वाले आघात के कारण मानसिक रूप से विचलित और परेशान रहेंगे।
स्वास्तिक (Swastik):
शास्त्रों में स्वास्तिक को शुभ चिन्ह के रूप में दर्शाया गया है। सामुद्रिक ज्योतिष भी इसे शुभ चिन्ह के रूप में मान्यता देता है। सामुद्रिक ज्योतिष के अनुसार जिनकी हथेली पर स्वास्तिक का चिन्ह होता है वे बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। अपनी हथेली को गौर से देखिये अगर आपकी हथेली पर भी यह चिन्ह तो समझ लीजिए की आप धनवान होंगे और दुनियां में काफी मान प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे।
कमल (Lotus):
कमल चिन्ह भी स्वास्तिक की भांति शुभ माना गया है, इसे भगवान विष्णु का चिन्ह कहा गया है। हथेली पर यह निशान विष्णु योग कहलाता है। जिनके हाथों में यह निशान पाया जाता है वे भाग्यवान होते हैं, उन पर भगवान विष्णु की कृपा रहती है। विष्णु को शास्त्रों में पालनकर्ता के रूप में सम्बोधित किया गया है। जिस पर इनकी कृपा होती है वे हर प्रकार के सांसारिक सुख एवं मान प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं। आपकी हथेली पर यह चिन्ह होने से आप वाक्पटु होते हैं और कुशल वक्ता के रूप में जाने जाते हैं साथ ही नेतृत्व में माहिर होते हैं।
तराजू (Weigh Scale):
आप धनवान बनना चाहते हैं तो देखिये आपकी हथेली में तराजू का निशान है या नहीं। सामुद्रिक ज्योतिष में इस निशान को बहुत ही शुभ कहा गया है। इस निशान का होना यह बताता है कि आप पर देवी लक्ष्मी की कृपा है। यह निशान हाथ में लक्ष्मी योग बनाता है जिससे आपको काफी धन और सुख सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।
इन चिन्हों के अलावा भी कई चिन्ह हाथों में पाये जाते हैं जिनमें सूर्य और हाथी का निशान शुभ कहलाता है। हाथी का निशान शुक्र पर्वत पर होने से ब्रह्म योग बनता है जिनके प्रभाव से व्यक्ति ज्ञानी, बुद्धिमान, चतुर और कुशल वक्ता बनता है।
आप "हथेली में पाये जाने वाले चिन्ह" इस शीर्षक के प्रथम, द्वितीय और तृतीय तीनों भाग को आप पढ़ चुके हैं और हाथों में पाये जाने वाले विभिन्न निशानों और चिन्हों का क्या फल होता है इसकी अच्छी जानकारी आपको हो गयी है।
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